मिलम
ग्लेशियर भारत के उत्तराखंड राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में स्थित पिथौरागढ़ जिले की मुंसियारी
तहसील में है. यह कुमाऊं क्षेत्र का सबसे बड़ा ग्लेशियर है जिसकी लम्बाई लगभग 16 किलोमीटर
है और यह 37 वर्ग किलोमीटर के एरिया में फैला हुआ है. समुद्र तल से इसकी ऊंचाई लगभग
3438 मीटर (11280 फ़ीट ) है. मिलम ग्लेशियर त्रिशूल पर्वत (7665 मीटर ) के आधार पर स्थित
है और यह गंगा गौरी नदी, जो काली नदी की सहायक नदी है, का स्रोत है. ग्लेशियर पर पहुँचने
के लिए 57 किमी की पद यात्रा (ट्रेकिंग) करनी होती है और इसका सही समय मई, जून या सितम्बर,
अक्टूबर है. ग्लेशियर की ट्रेकिंग के लिए आधार कैंप मुंसियारी है.
मिलम
ग्लेशियर की यात्रा करने के लिए मई से अक्टूबर का समय (मानसून अवधि जुलाई और अगस्त को छोड़कर) सबसे उपयुक्त है. इस यात्रा
को पूरा करने में तकरीबन 11 दिनों का समय लगता है. इस यात्रा का सबसे सही रुट इस प्रकार
है.
काठगोदाम-अल्मोड़ा-बागेश्वर- मुंसियारी
- लिलम् - बुगडियार - रिलकोट -मिलम
काठगोदाम
तक रेल या बस के द्वारा पहुंचा जा सकता है. काठगोदाम जाने के लिए दिल्ली एवं कोलकाता
से सीधी ट्रेन सेवा है. सड़क मार्ग से दिल्ली से काठगोदाम 5-6 घंटे में पहुंचा जा सकता
है. ट्रेक लम्बा, थका देने वाला परन्तु रोमांच से भरपूर है. ट्रेक को मध्यम श्रेणी
में रखा जा सकता है न ज्यादा आसान और न ही बहुत मुश्किल. मिलम ग्लेशियर् जाने के लिए यात्रा का कार्यक्रम निम्नानुसार बनाया जा
सकता है.
प्रथम दिन
काठगोदाम- अल्मोड़ा- बाघेश्वर-मुंसियारी
दूरी - 285 किमी समय- 10 घंटे लगभग
काठगोदाम
से मुंसियारी के लिए सुबह जल्दी प्रस्थान कर देना चाहिए ताकि शाम को अँधेरा होने से
पहले ही मुंसियारी पहुंचा जा सके. काठगोदाम से मुंसियारी जाने का रास्ता निम्नानुसार
है.
काठगोदाम
- भीमताल - भवाली- खैरना-अल्मोड़ा- चितइ मंदिर-बरेछीना -धौलछीना -शेराघाट - उदियारी
बेण्ड -थल- बिरथी प्रपात- कालमुनि टॉप -मुंसियारी
चूँकि
मुंसियारी एक छोटी सी जगह है और आगे ट्रेकिंग के लिए यहाँ पर आवश्यक सामान नही होता
है इसलिए आवश्यक सामान की खरीददारी अल्मोड़ा या बाघेश्वर में ही कर लेनी चाहिए. गाइड
और पोर्टर मुंसियारी में मिल जाते हैं. मुंसियारी एक छोटा सा क़स्बा है जो समुद्र तल से 2290 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यहाँ पर रात्रि
विश्राम के लिए होटल उपलब्ध है. रात्रि विश्राम मुंसियारी
दूसरा दिन
मुंसियारी- लिलम्
दूरी- 14 किमी समय- 6 घंटे (आसान)
सुबह
नाश्ता करने के बाद मुंसियारी से सोलीकोट के लिए प्रस्थान कर देना चाहिए। सोलीकोट से
ट्रेकिंग प्रारम्भ होती है. गौरी गंगा नदी के किनारे किनारे लगभग तीन किमी नीचे की
ओर चलना होता है. रास्ते में जंगल और खेत दोनों ही से गुजरना होता है. इस ट्रेक के
अंतिम चरण में कुछ किमी तक खड़ी चढाई है जो थका देने वाली होती है. लगभग 6 घंटे की ट्रेकिंग
के पश्चात आप लिलम् पहुँच जाएंगे. लिलम् समुद्र
तल से 1850 मीटर की ऊंचाई पर है. आज आप दिन
और रात में विश्राम कर आगे की यात्रा के लिए अपने को तैयार करें.
तीसरा दिन
लिलम्- बुगडियार दूरी- 12 किमी समय- 5 घंटे (आसान )
इस ट्रेक
पर कभी नीचे की तरफ कभी ऊपर की तरफ चलना होता है. रास्ते में जगह जगह शेपर्ड अपने पालतू
जानवरों के साथ दिखाई देंगे। खड़ी पहाड़ की चढाई करने के बाद आप बुगडियार पहुँच जाएंगे.
ये समुद्र तल से 2500 मीटर ऊंचाई पर बसी एक बहुत खूबसूरत दर्शनीय जगह है. रात्रि विश्राम
चौथा दिन
बुगडियार - रिलकोट दूरी - 12 किमी समय - 5 घंटे (मिश्रित)
आज मिलम
ग्लेशियर की ट्रेकिंग का चौथा दिन है यहाँ से यात्रा थोड़ी कठिन हो जाती है. बुग्ड़ियार
से चलने के बाद एक पुल पार करने के बाद जमी हुई बर्फ पर चलना होता है. थका देने वाली
यात्रा के बाद आप 3130 मीटर की ऊंचाई पर स्थित रिलकोट पहुँच जाते हैं. रिलकोट में रात्रि
विश्राम करना होता है. रिलकोट रुकने के लिए और कैंपिंग के बहुत अच्छी जगह है. यहाँ
दोनों ओर बडी बडी चट्टानें हैं. अगर समय हो तो आप यहाँ से लास्पा गांव जा सकते है.
ये गांव उत्तराखंड के दूरस्थ ग्रामों में से एक है. लास्पा से आप नंदाकोट पर्वत के
उत्तरी ग्लेशियर तक भी जा सकते हैं.
पांचवां दिन
रिलकोट- मरतोली-मिलम दूरी
- 16 किमी समय-
7 घंटे (मध्यम )
सुबह
नाश्ता कर जल्दी ही मरतोली के लिए प्रस्थान कर देना चाहिए. मरतोली एक दर्शनीय स्थल
है जो समुद्र तल से 3430 मीटर की ऊंचाई पर बसा है. मरतोली तक 7 किमी खड़ी चढाई है. पुराने
समय में जब तिब्बत के साथ व्यापार होता था तो मरतोली सिल्क रूट का एक हिस्सा था. मरतोली
से एक रास्ता ऊपर की तरफ बुर्फु ग्लेशियर की ओर जाता है जबकि नीचे का रास्ता मिलम की
तरफ जाता है. मिलम इस ट्रेक रुट पर अंतिम गांव है. रात्रि विश्राम मिलम में
छठा दिन
मिलम- मिलम ग्लेशियर - मिलम दूरी - 6 किमी समय- 2 घंटे
सुबह
जल्दी प्रस्थान करना चाहिए. यहाँ रास्ते में
आप त्रिशूल पर्वत (7065 मीटर ) का नजारा ले सकते है. रास्ते में आपको बर्फ से
ढ़की हिमालया की चोटियाँ दिखाई देंगी। इस तीन किमी के रास्ते पर आपको कई दुर्गम जगहों
से गुजरना पड़ेगा। अंत में आप मिलम ग्लेशियर पर पहुँच कर यात्रा की सारी थकान भूलकर
ग्लेशियर्स को देखते ही रह जाएंगे. मिलम ग्लेशियर जो गौरी गंगा नदी का स्रोत है. उसे
देखकर आप वापस मिलम की ओर प्रस्थान करे और रात्रि विश्राम भी वहीँ करें.
सातवां दिन मिलम - रिलकोट दूरी-
16 किमी समय-
7 घंटे
आठंवा दिन रिलकोट-
बुगडीयार दूरी- 12 किमी समय- 5 घंटे
नवां दिन बुगडीयार
- लिलम् दूरी - 12 किमी समय - 5 घंटे
दसवां दिन लिलम्- मुंसियारी दूरी
-14 किमी समय-
5 घंटे
ग्यारवाँ दिन मुंसियारी- काठगोदाम दूरी -285 किमी समय- 10 घंटे
Very nice to read. Birthi Waterfall is a great place to visit. I also have this article for nature lovers Birthi Waterfalls
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